धनतेरस अर्थव्यवस्था का महापर्व है। भारत सरकार ने धनतेरस को राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है | दिवाली का पर्व धनतेरस (Dhanteras) से शुरू होता है | कुबेर भगवान का त्यौहार धनतेरस इस बार शुक्रवार यानी 13 नवंबर को है | धनतेरस दो शब्दों से मिलकर बना है धन + तेरस इसका अर्थ है धन और दिन 13 | >
मान्यता है कि इस दिन जो कुछ भी खरीदा जाता है उसमें लाभ होता है, धन-धान्य के भरेंगे भंडार | धन संपदा में वृद्धि होती है | इस दिन लक्ष्मी की पूजा की जाती है | धन्वंतरि भी इसी दिन अवतरित हुए थे इसी कारण इसे धन तेरस कहा जाता है | दीपावली के अवसर पर कार्तिक त्रयोदशी-धनतेरस को भगवान धन्वंतरि की पूजा करने के बाद इंसान की हर कामना पूरी होती है और उन्हें शुभ लाभ मिलता है | देवताओं व असुरों द्वारा संयुक्त रूप से किये गये समुद्र मंथन के दौरान प्राप्त हुए चौदह रत्नों में धन्वन्तरि व माता लक्ष्मी शामिल हैं |
धनतेरस, दीपावली पर जरूर करें ये उपाय, होगा लाभ, रहेगी धनवर्षा, मान्यता है कि धनतेरस के दिन, अनमोल खजाना, धन 13 गुणा वृद्धि होती है | धनतेरस के दिन पूजा करने के बाद इंसान की हर कामना पूरी होती है और लाभ मिलता है |
(1) धनतेरस या दीपावली पर लक्ष्मी-गणेश और कुबेर पूजन करने के बाद रात को 21 चावल के दाने को लाल रंग के कपड़े में लपेटकर धन रखने वाली जगह पर रख दें | धनतेरस के दिन इस उपाय से आर्थिक संपन्नता आती है |
(2) अगर आपके पास धन नहीं टिकता है या फिर हमेशा ही धन की कमी रहती है | तो धनतेस से दीपावली के दिन तक आप देवी लक्ष्मी की पूजा के दौरान लौंग जरूर चढ़ाएं | ध्यान रखें कि पूजा के दौरान लौंग का केवल एक ही जोड़ा अर्थात दो लौंग चढ़ाना है | ध्यान रहे कि लौंग साबुत हो, टूटी हुई न हो। अन्यथा लाभ नहीं मिलता |
(3) अचानक धन प्राप्ति के लिए धनतेरस की शाम को 13 दीपक जलाएं और उसके पास में 13 कौड़ी को रख दें, बाद में 13 कौड़ियां के लेकर आधी रात के समय घर के प्रत्येक कोने में रख दें | या फिर आधी रात के बाद ये कौड़ियां घर के किसी कोने में गाड़ दें। मान्यता है कि ऐसा करने से व्यक्ति को अचानक धन संपदा प्राप्ति होती है | और या फिर 13 कौड़ी को अपने पैसे रखने वाली जगह पर लाल कपड़े में लपेटकर रख दें। इस उपाय से घर पर पैसों की कभी कमी नहीं रहेगी |
(4) धनतेरस या दीपावली की शाम को घर के ईशान कोण में गाय के घी का दीपक लगाएं | बत्ती में रुई के स्थान पर लाल रंग के धागे का उपयोग करें, साथ ही दीए में थोड़ी सी केसर भी डाल दें। इस उपाय से भी धन का आगमन होने लगता है |
(5) धनतेरस या दीपावली पर पुराने चांदी के सिक्के और रुपयों के साथ कौड़ी रखकर उनका लक्ष्मी पूजन के समय केसर और हल्दी से पूजन करें | पूजा के बाद इन्हे तिजोरी में रख दें। इस उपाय से बरकत बढ़ती है |
(6) धनतेरस या दीपावली
का एक सबसे अचूक तरीका यह है कि इस दिन किसी किन्नर को अवश्य दान दें और उससे एक या दो रुपए का एक सिक्का मांग लें | यदि किन्नर आपको वो सिक्का खुशी से दे तो बहुत अच्छा रहता है | अन्यथा आप उनसे इसके लिए निवेदन भी कर सकते हैं | किसी किन्नर से लिए उस सिक्के को अपनी तिजोरी व पर्स में रखें इससे हमेशा धन बना रहता है |
(7) धनतेरस के दिन झाड़ू की खरीदारी करना बहुत शुभ होता है | ऐसा माना जाता है कि इस दिन झाड़ू खरीदने से घर से जुड़ा आर्थिक संकट दूर होता है | धनतेरस के दिन खरीदे गए झाड़ू को दिवाली के दिन पूजा कर इस्तेमाल करना चाहिए | यह झाड़ू घर से नकारत्मक ऊर्जा और दरिद्रता को दूर करते हैं|
(8) धनतेरस धनतेरस या दीपावली के दिन उस पेड़ की टहनी को तोड़कर घर लाएं जिसमें अक्सर चमगादड़ डेरा जमाएं रहते हों | इस टहनी को घर के मुख्य कमरे में रखने से व्यक्ति को मान-सम्मान, पद प्रतिष्ठा और धन संपदा प्राप्ति होती है |
(9) धनतेरस या दीपावली पर
पर गोमती चक्र के उपाय से आने वाले दिनों में व्यक्ति के पास से धन की कमी दूर हो जाती है | धनतरेस पर पांच गोमती चक्र पर चंदन लगाकर लक्ष्मी पूजन करें और लक्ष्मी मंत्रों का जाप करें |
(10) धनतेरस या दीपावली की शाम को घर के ईशान कोण में गाय के घी का दीपक जलाएं | बत्ती में रुई के स्थान पर लाल रंग के धागे का उपयोग करें | साथ ही दीए में थोड़ी केसर भी डालें |
(11) धनतेरस या दीपावली को विधिवत पूजा के बाद चांदी से निर्मित लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति को घर के पूजा स्थल पर रखना चाहिए | इसके बाद प्रतिदिन इनकी पूजा करने से घर में कभी धन की कमी नहीं होती और घर में सुख-शांति भी बनी रहती है |
(12) धनतेरस पर कुबेर यंत्र खरीदें और इसे अपने घर, दुकान के गल्ले या तिजोरी में स्थापित करें | इसके बाद 108 बार इस मंत्र ”ऊँ यक्षाय कुबेराय वैश्रववाय, धन-धान्यधिपतये धन-धान्य समृद्धि मम देहि दापय स्वाहा ” का जाप करें। ये मंत्र आपके धन की कमी के संकट को हर लेगा |>
(13) दीपावली पर लक्ष्मी पूजन में हल्दी की गांठ भी रखें | पूजा होने के बाद हल्दी की गांठ को घर में उस स्थान पर रखें, जहां धन रखा जाता है |>
(14) इस दिन आप किसी मंदिर में जाकर केले का पौधा या कोई सुगंधित पौधा लगाएं | जैसे-जैसे ये हरे भरे और बड़े होंगे, आपको जीवन में भी सफलताएं बढ़ेंगी |>
(15) धनतेरस की पूजा एवं दीपावली में दक्षिणावर्ती शंख में जल भरकर घर में चारों तरफ थोड़ा-थोड़ा छिड़कें | इससे घर में मां लक्ष्मी का आगमन होता है | इसके अलावा यह जल पूजा में शामिल लोगों पर भी छिड़कें | धनतेरस के दिन अपने परिवार के सदस्यों के लिए सामान या उपहार खरीदें | बाहरी लोगों के लिए कोई उपहार नहीं खरींदे |
(16) खर्च करने होंगे सिर्फ 5 रुपए, धनतेरस के दिन पांच रुपए का साबुत धनिया खरीद कर ले आएं | इसे आप संभालकर अपने पूजा घर में रख दें |
इस धनिया को आप दिवाली के दिन निकालकर माता लक्ष्मी के सामने रखकर पूजा करें | अगले दिन आप इस धनिया को सुबह के समय गमले या फिर घर के बगीचे में बिखेर दें | ऐसी मान्यता है कि साबुत धनिया से यदि हरा भरा पौधा उग जाता है तो आने वाले समय में आपकी आर्थिक स्थित बढ़िया रहेगी | यदि धनिया का पौधा हरा लेकिन थोडा कमजोर है तो पैसों को लेकर आपकी स्थिति सामान्य रहेगी | पीला और बीमार पौधा या फिर पौधा ना उगना संकेत देता है कि आपको धन संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा |
(17) धनतेरस या दीपावली की सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कामों से निपट कर किसी लक्ष्मी मंदिर में जाएं और मां लक्ष्मी को कमल के फूल अर्पित करें और सफेद रंग की मिठाई का भोग लगाएं | ये सबसे अचूक उपाय है |
(18) धनतेरस के दिन धन के देवता कुबेर और यमदेव की पूजा अर्चना का विशेष महत्त्व है | इस दिन को धन्वंतरि जयंती के नाम से भी जाना जाता है | धनतेरस पर दक्षिण दिशा में दिया जलाया जाता है | इसके पिछे की कहानी कुछ यूं है, एक दिन दूत ने बातों ही बातों में यमराज से प्रश्न किया कि अकाल मृत्यु से बचने का कोई उपाय है? इस प्रश्न का उत्तर देते हुए यमदेव ने कहा कि जो प्राणी धनतेरस की शाम यम के नाम पर दक्षिण दिशा में दिया जलाकर रखता है उसकी अकाल मृत्यु नहीं होती | इस मान्यता के अनुसार धनतेरस की शाम लोग आँगन में यम देवता के नाम पर दक्षिण दिशा की ओर दीप जलाकर रखते हैं | फलस्वरूप उपासक और उसके परिवार को मृत्युदेव यमराज के कोप से 300% सुरक्षा मिलती है| यदि घर की लक्ष्मी इस दिन दीपदान करें तो पूरा परिवार स्वस्थ रहता है |
/>(19) पूजा के स्थान पर उत्तर दिशा की तरफ भगवान कुबेर और धन्वन्तरि की मूर्ति स्थापना कर उनकी पूजा करनी चाहिए | इनके साथ ही माता लक्ष्मी और भगवान श्रीगणेश की पूजा का विधान है | ऐसी मान्यता है कि भगवान कुबेर को सफेद मिठाई, जबकि धनवंतरि को पीली मिठाई का भोग लगाना चाहिए | क्योंकि धन्वन्तरि को पीली वस्तु अधिक प्रिय है| पूजा में फूल, फल, चावल, रोली, चंदन, धूप व दीप का इस्तेमाल करना फलदायक होता है |
(20) धनतेरस से भाईदूज तक 11 कौड़ियों को लाल कपड़े में रखकर श्री सूक्त का पाठ करने से धन संबंधी तमाम तरह की बाधाएं दूर हो जाती हैं |
(21) इस वर्ष 2020 कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ 12 नवंबर दिन गुरुवर को रात 09 बजकर 30 मिनट से हो रहा है, जो 13 नवंबर दिन शुक्रवार को शाम 05 बजकर 59 मिनट तक है। ऐसे में धनतेरस 13 नवंबर को है। इस बार धनतेरस की पूजा के लिए 30 मिनट का शुभ मुहूर्त है। आपको धनतेरस की पूजा शाम को 05 बजकर 28 मिनट से शाम को 05 बजकर 59 मिनट के मध्य कर लेनी चाहिए |
धनतेरस पर धर्म नगरी काशी में माता अन्नपूर्णा भक्तो को दर्शन देती हैं |काशी दुनिया का सबसे पुराना एक मात्र ऐसा शहर है, जिसका 3500 वर्ष पुराना लिखित इतिहास मौजूद है | दीपावली से पहले पड़ने वाले धनतेरस के दिन मां का अनमोल खजाना श्रद्धालुओं में बांटा जाता है | मान्यता है कि माँ के खजाने के पैसे को अगर अपने घर में रखा जाए तो कभी भी धन, सुख और सम्मृद्धि में कमी नहीं होती | माता का खजाना श्रद्धालुओं में इसी दिन बांटा जाता है | इस मंदिर में सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह, बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार, भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी, राजनाथ सिंह माता का आशीर्वाद लेने आते रहते हैं |
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